जी.एस.टी. रॅकेट के मामले में सेंधवा से पाच फरार आरोपियों की गिरफ्तारी…..

GST scam जी.एस.टी. रॅकेट के मामले में सेंधवा से पाच फरार आरोपियों की गिरफ्तारी…..

सेंधवा (मध्य प्रदेश) || दि.10 नोव्हेंबर2024 || {ब्युरो रिपोर्ट}-: धुलिया 1 वर्ष पूर्व फर्जी जीएसटी अधिकारी बंन कर वाहनों से पैसे वसूलने वाले गिरोह का धुलिया पश्चिम देवपुर पुलिस द्वारा पर्दा फाश किया गया था जिसमे 10 लोगो के खिलाफ धुलिया पश्चिम देवपुर पुलिस ने मामला दर्ज किया वही जिसमे से पांच आरोपी पुलिस की इस कार्यवाही के बाद से फरार हो गए थे जिसको सी.आई.डी. पुलिस ने पिछले महा सेंधवा से गिरफ्तार कर लिया |

नाशिक परिक्षेत्र पुलिस उपधीक्षक महेश महाले सी.आई.डी. टीम नाशिक ने सेंधवा तहसील से पांचो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया वही इस मामले में जांच को लेकर सी.आय.डी टीम ने सेंधवा मे पकड़े गए आरोपियों के घर भी तलाशी ली गयी थी |

दिनांक 23/10/2024 सेंधवा सिटी पुलिस थाना सउनि कार्यवाहक उमाशंकर मांडलोई, निरीक्षक/थाना प्रभारी बलजीत सिंग भिसेन द्वारा की गयी सुचना के अनुसवार थाना आजाद नगर जिला धुलिया महाराष्ट्र से सी.आई.डी.पुलिस डीवायएसपी श्रीमति प्रतिभा बिरारी, डी.वाय.एस.पी सालुके हमराह निरीक्षक राहुल सोनावने, निरीक्षक विक्रांत संकपाल, प्रआर. योगेश कछवे, प्रआर. विजय शिरसाठ, प्रआर. प्रशान्त साली, प्रआर. चालक विजय होलकर, प्रआर. अर्जुन जंजाल एवं पंचान अभिजित भापकर, पार्थ कुमार पाटील, लोकेश घाटे, हर्षद जोशी थाना आजाद नगर जिला धुलिया महाराष्ट्र के अप.क्र. 221/2024 भादवि धारा 419, 420, 341, 170, 171, 34, 467, 468, 201, 120 | भादवि में अपराध विवेचना हेतु थाना आये थे और इन अधिकारी द्वारा ऊन पाचो आरोपी पर कारवाई की गई |

धुले शहर के पास धामानगांव नेशनल हाइवे नंबर 3 पर आरोपीयो ने एक ट्रक को रोक कर उसको बताया कि तुम्हरा जी. एस.टी. नही भरा है और डरा धमका कर उस्से पैसे ऐंठ लिये. जबकी वाहन मे जो माल भरा था उसका जीएसटी पहिले से ही भरावा था (Already paid GST) और इस बात को लेकर उसने धुले पुलिस में शिकायत दर्ज की जिस पर से पुलिस ने आरोपियों की दर पकड़ शुरू की पकड़े गए आरोपियों में से दो आरोपी पुलिस कर्मचारी है.
1) विपिन पाटील
2) पुलिस वाहन चालक शेख
है वही इस पूरे मामले में जब पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी विपिन पाटिल से पूछताछ की तो उसने पुलिस को बताया कि वह इस पूरे काम के जो भी पैसे आते थे वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाता था |

इससे यह बात साफ होती है कि इस पूरे रैकेट में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी लिप्त थे फर्जी जी.एस.टी. अधिकारी बनकर इन आरोपियों ने कई ऐसे वाहनों को अपना निशाना बनाया जिनके जी.एस.टी. कंप्लीट नहीं रहते थे या फिर यह कह सकते हैं कि यह लोग सरकार से जी.एस.टी. चोरी करते थे इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार ने जीएसटी में चोरी ना हो इसके लिए कई कड़े प्रयास किए हैं लेकिन इस मामले के उजागर होने के बाद यह बात को माना जा सकता है कि ट्रांसपोर्टिंग के जरिए जो माल एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचता है उसमें कहीं ना कहीं जी.एस.टी. चोरी हो रही है और एक बड़ा सिंडिकेट इस पूरे काम को अंजाम दे रहा है |

महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश में अधिकतर लोहा ज्यादा ट्रांसपोर्टिंग के माध्यम से पहुंचता है वही अगर इस पूरे मामले की जाच होती है तो मध्य प्रदेश के सेंधवा बड़वानी इंदौर में इसके तार जुड़े होने की संभावना हो सकती है फर्जी जीएसटी के मामले में अब नासिक सी.आई.डी. जांच में जुटी है |

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